40 Part
419 times read
5 Liked
शाम का वक़्त हो चला था, चारों तरफ किसी श्मशान की भांति सन्नाटा पसरा हुआ था। अरुण एक पहाड़ी चढ़ता हुआ नजर आ रहा था, उस टूटी ही पक्की सकड़ को ...